यह जीवन हमें यूं तो ना मिला होगाकुछ कर्म तो हमने भी किए होंगेयूं जीतना और हारना ,कुछ पाना और खोना,यूं गिरना और संभालना,कुछ रखना और कुछ देनायूं क्षण भर का रुकना और सब कुछ खत्म हो जाना,यह सब हमारी फितरत के वहरंग है जो सभी हमारे कर्मो पर निर्भर हैयह तो समय का वह चक्र है कब रुक जाए हमको भी नहीं पता चलेगा और फिर कुछ कर्म हमने भी किए होंगेयह जीवन यूं तो ना मिला होगा।
यह जीवन हमें यूं तो ना मिला होगाकुछ कर्म तो हमने भी किए होंगेयूं जीतना और हारना ,कुछ पाना और खोना,यूं गिरना और संभालना,कुछ रखना और कुछ देनायूं क्षण भर का रुकना और सब कुछ खत्म हो जाना,यह सब हमारी फितरत के वहरंग है जो सभी हमारे कर्मो पर निर्भर हैयह तो समय का वह चक्र हैकब रुक जाए हमको भी नहीं पता चलेगाऔर फिर कुछ कर्म हमने भी किए होंगेयह जीवन यूं तो ना मिला होगा।
जब आपको लगे समय पूरी तरह बदल गया है हर एक वो चीज, वो जज़्बात, वो इंतजार, वो खुशियां, वो गम और लगे कि कुछ भी नहीं रह गया है तब हमेशा एक आशा की किरण जीवित रहती है शायद इस समय यही दौर चल रहा है लग तो रहा है जीवन में कुछ बचा नहीं है पर अभी भी एक आशा की किरण जरूर है जो पूरी दुनिया को कुछ ना कुछ करने को मजबूर कर रही है।
यह एक ऐसा समय है जो हर किसी को बता गया है कि हारना क्या होता है|
कोई अपने सपनों को हारा तो कईयों ने अपने रिश्तो को दांव पर लगाया तो कईयों ने अपने रिश्ते खोए।
कई घुट घुट कर जीवन बिताने पर मजबूर है तो कईयों को तो यह भी नहीं पता कि वह कल का सूरज देख पाएंगे या नहीं।
परंतु इन परिस्थितियों ने सब को जीतना भी सिखा दिया।बता दिया की आशा की आस क्या होती है।
बता दिया कि इतनी कठिन परिस्थितियों में एक साथ कैसे रहना है।
बता दिया कि जीवन जोकि यूं ही जिया जा रहा था उसका कितना बड़ा महत्व है।
"वह कहते हैं ना जीवन क्या है उससे पूछो जो केवल कुछ ही समय के भयावह दुर्घटना से बचा हो।"
आज शायद यही कहावत इन परिस्थितियों में सही बैठ रही है
हारना और जीतना जीवन के पहलू है जैसे सुख और दुख।
वैसे तो बहुत से सपने हैं जो दांव पर लग गए हैं पर सपनों के दांव पर लगने से ज्यादा जरूरी है जीवन।
आज तक सुना था कि सब को कर्मों का फल मिलता है पर यह कैसा कर्म है जो आधे विश्व ने एक साथ किया ।
इस समय हमारा कर्म केवल इतना ही है कि किस तरह इस भयावह स्थिति में हम अपने आप को आशा के उन संस्कारों से बांधकर रखे जो हमें हमेशा से सिखाए जा रहे हैं।
शुक्रगुजार रहना हर एक पल का जो आपको मिल रहे हैं क्योंकि इसकी कीमत वह लोग बहुत अच्छे से जान पा रहे हैं जो पल-पल अपना जीवन बिता रहे हैं और बढ़ रहे हैं मौत की तरफ।
वो कहते हैं ना
"यह वक्त गुजर जाएगा"
इस लाइन को चाहे उल्टा पढ़ो या सीधा पढ़ो दोनों को ही पढ़कर सुकून मिलता है। यह एक जो
ऐसी पंक्ति है जो सुख और दुख दोनों परिस्थितियों पर सही बैठती है वक्त ही तो है गुजर ही जाएगा पर यह वक्त गुजरने के साथ लेकर तो बहुत कुछ जाएगा पर उससे भी ज्यादा यह है वक्त कुछ अच्छा सिखा कर जाएगा।
"ए जिंदगी तेरा शुक्रगुजार हूं तुमने इतना बिखराया है कि अब मैं एक नया अवतार हूं।"
"ए जिंदगी तेरा शुक्रगुजार हूं
तुमने इतना बिखराया है कि
अब मैं एक नया अवतार हूं।"
सपनों को देखने का दायरा थोड़ा बदल जाएगा। यूं परिस्थितियां संभालने की शक्ति थोड़ी और मजबूत हो जाएगी वैसे आशा की किरण अभी भी जीवित है जिसने पूरे विश्व को दृढ़ता पूर्वक बांधकर रखा है।
परिस्थितियां पहले जैसी तो नहीं होगी पर आशा है कि परिस्थितियां अभी जैसी है उसमें सुधार अवश्य होगा। बहुत कुछ बदल जाएगा आगे आने वाले कई सालों में पर बदलेगी नहीं तो केवल आशा की किरण जिसने मानव जाति को पहले भी जीवित रखा था आज भी रख रही है और कल भी रखेंगी।
अब केवल जरूरत है तो सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने की क्योंकि यही एक ऐसी शक्ति है जो हमारे जीवन में सुधार ला सकती है इसी के साथ कुछ सकारात्मकता के विचार आपके साथ बांटना चाहूंगी।
1.खो देने का डर कैसाजब तेरे पास कुछ है ही नहीं खोने कोखो देने का डर कैसाजब विश्वास तेरा यूं डगमगाया ही नहींखो देने का डर कैसाजब चलना तुझे तेरे साथ ही हैखो देने का डर कैसाजब पाना तुझे सब खास ही हैखो देने का डर कैसाजब मान ही लिया है आगे बढ़ने काखो देने का डर कैसाजब ठान ही लिया है आगे बढ़ने काखो देने का डर कैसाजब गिर कर उठना सीख लिया खो देने का डर कैसाजब हालातों से लड़ना सीख लिया।खो देने का डर कैसा।
1.
खो देने का डर कैसा
जब तेरे पास कुछ है ही नहीं खोने को
खो देने का डर कैसा
जब विश्वास तेरा यूं डगमगाया ही नहीं
खो देने का डर कैसा
जब चलना तुझे तेरे साथ ही है
खो देने का डर कैसा
जब पाना तुझे सब खास ही है
खो देने का डर कैसा
जब मान ही लिया है आगे बढ़ने का
खो देने का डर कैसा
जब ठान ही लिया है आगे बढ़ने का
खो देने का डर कैसा
जब गिर कर उठना सीख लिया
खो देने का डर कैसा
जब हालातों से लड़ना सीख लिया।
खो देने का डर कैसा।
आज की परिस्थितियों ने भले ही हमारे सामने कई दरवाजे बंद कर दिए हो पर एक दरवाजा हमेशा खुला रहता है बस जरूरत है तो सकारात्मकता के साथ परिस्थितियों को देखने की और हर पल आशा रखने की सब अच्छा होगा और सब अच्छा ही हो रहा है।
2.वर्तमान में जीना हैंऔर आगे बढ़ते जाना हैंपीछे जो छूटा वो तो छूट ही गयाअब सबक नया लेकरकेवल आगे बढ़ते जाना हैं।️
सब ने कुछ ना कुछ खोया है पर खोने से किसी भी जिंदगी नहीं रुक जाती है जरूरत होती है तो फिर से उठकर आगे बढ़ने की और वर्तमान में जीने की क्योंकि आगे बढ़ने के मौके हमें वर्तमान में रहकर ही मिलेंगे ना कि बीते हुए कल में जीने से।
3.मेरे अंदर हीवो सारी शक्तियां हैंजो मेरे बाहर का वातावरण तय करती हैं।
3.
मेरे अंदर ही
वो सारी शक्तियां हैं
जो मेरे बाहर
का वातावरण तय करती हैं।
आप सब को अपने ऊपर विश्वास करना पड़ेगा कि आपके अंदर ही वह सारी शक्तियां हैं जो आपको आगे बढ़ाएगी कोई आपको केवल रास्ता दिखा सकता है पर चलना तो आप ही को पड़ेगा और हम तभी चल सकते हैं जब हमें अपने ऊपर पूरा विश्वास है कि हम यह कर सकते हैं।
4.
हर परेशानी को परेशानियों के नजरिए से नहीं बल्कि चुनौतियों के नजरिए से देखना चाहिए।